
sreenivasan सिर्फ एक actor नहीं, Malayalam cinema के लिए सोचने का तरीका थे – common man की छोटी-छोटी परेशानियों को उन्होंने humour और यथार्थ के साथ बड़े पर्दे पर उतारा।
Sreenivasan कौन थे?
6 अप्रैल 1956 को Kannur, Kerala में जन्मे sreenivasan actor, screenwriter, director और producer – चारों भूमिकाओं में कामयाब रहे।
Sandesham’, ‘Vadakkunokkiyantram’, ‘Akkare Akkare Akkare’ जैसी फिल्मों ने उन्हें middle-class India की आवाज़ बना दिया, जहां हंसी के पीछे गहरी सामाजिक टिप्पणी छुपी रहती थी।
sreenivasan की फिल्में क्यों अलग लगती थीं?
अपनी लिखी scripts में उन्होंने राजनीति, परिवार, unemployment और middle-class सपनों को sharp लेकिन simple humour के साथ दिखाया, जो आज भी relatable लगता है।
Director के तौर पर ‘Vadakkunokkiyantram’ और ‘Chinthavishtayaya Shyamala’ जैसी फिल्मों ने उन्हें awards के साथ-साथ serious film-lovers के बीच cult status दिलाया।
स्वास्थ्य दिक्कतें और sreenivasan की अंतिम journey
पिछले कुछ सालों से sreenivasan को heart व अन्य health issues थे; 2022 में bypass surgery के बाद doctors ने बताया था कि वह धीरे-धीरे recovery की ओर बढ़ रहे हैं
2025 के अंत में उनकी सेहत दोबारा बिगड़ी और रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्हें Kerala के Tripunithura/Thrippunithura के hospital में admit किया गया, जहां उनकी मौत की पुष्टि हुई और उम्र लगभग 69 बताई गई।
परिवार: Vineeth और Dhyan के लिए सिर्फ एक पिता नहीं, Mentor
sreenivasan की पत्नी Vimala और बेटे Vineeth तथा Dhyan खुद Malayalam cinema में active हैं, और तीनों मिलकर तीन generations की creative journey को represent करते हैं।
Reports के मुताबिक Vineeth को जिम्मेदार और steady माना जाता है, जबकि Dhyan के साथ शुरू में कुछ मतभेद रहे, लेकिन समय के साथ humour और respect ने इस रिश्ते को फिर से मजबूत बना दिया।
उनके characters हमेशा बड़े शहरों या glamour की बजाय आम इंसान की परेशानियों, छोटे सपनों और रोज़मर्रा के संघर्ष के इर्द-गिर्द घूमते थे, जो पूरे भारत के middle-class को करीब महसूस होते हैं।
आज OTT और pan-India content के ज़माने में भी social media पर उनकी फिल्मों के clips और dialogues viral होते रहते हैं, जो नई generation को भी उनसे जोड़ रहे हैं।
Sreenivasan की Legacy: फिल्मों से आगे बढ़कर
National और Kerala State Awards से लेकर critics की लगातार तारीफ़ तक, Sreenivasan ने साबित किया कि strong writing और grounded acting किसी भी बड़े budget को पीछे छोड़ सकती है।
उनकी मौत के बाद social media पर actors, directors और fans ने उन्हें “family member” की तरह याद किया, कई posts में लिखा गया कि जैसे घर के किसी अपने को खो दिया हो।
sreenivasan ने साबित किया कि बिना loud dialogue और भारी-भरकम budget के भी एक संवेदनशील कहानी और sharp writing लोगों के दिलों में हमेशा के लिए जगह बना सकती है, इसलिए उनकी मौत के बाद भी उनकी फिल्मों के ज़रिए वह लाखों दर्शकों के बीच ज़िंदा रहेंगे।
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