IRCTC का ‘फूड गेम’: यात्रियों से अनजाने में वसूला जा रहा है खाने का चार्ज
भारतीय रेलवे की ऑनलाइन टिकटिंग वेबसाइट IRCTC (Indian Railway Catering and Tourism Corporation) एक बार फिर विवादों में है। सोशल मीडिया पर यात्रियों ने आरोप लगाया है कि टिकट बुकिंग के दौरान ‘No Meal’ का ऑप्शन अब छिपा दिया गया है, जिसके चलते यात्री बिना जाने ही ट्रेन में खाने का चार्ज दे रहे हैं।
‘No Meal’ ऑप्शन छिपाया गया — यात्री फँस रहे हैं चार्ज के जाल में
कई यात्रियों ने ट्विटर (X) और फेसबुक पर शिकायत की है कि पहले जब वे टिकट बुक करते थे, तो उन्हें ‘Veg Meal’, ‘Non-Veg Meal’, और ‘No Meal’ जैसे स्पष्ट विकल्प दिखते थे।
लेकिन अब ‘No Meal’ का ऑप्शन गहराई में या ऑटोमेटिकली अनसेलेक्टेबल हो गया है। नतीजतन, अगर कोई यात्री ध्यान न दे तो उसे ₹150–₹250 तक का अतिरिक्त चार्ज भोजन के नाम पर देना पड़ता है।
मैंने शताब्दी ट्रेन की टिकट बुक की, लेकिन ‘No Meal’ का विकल्प नहीं दिखा। बाद में टिकट पर देखा तो ₹200 का मील चार्ज जुड़ा था,
एक यात्री ने बताया
IRCTC का जवाब — ‘टेक्निकल अपडेट’ या रणनीति?
इस मुद्दे पर IRCTC का कहना है कि वेबसाइट पर “कुछ तकनीकी अपडेट” किए गए हैं, जिसके कारण कुछ ट्रेनों में भोजन का चयन विकल्प बदल गया है।
हालांकि यात्रियों और रेल विशेषज्ञों का कहना है कि यह “टेक्निकल बदलाव” नहीं बल्कि जानबूझकर छिपाया गया फूड गेम है, जिससे कंपनी को लाखों रुपये का अतिरिक्त रेवेन्यू मिल रहा है।
रेल विशेषज्ञ और पूर्व रेलवे अधिकारी का कहना है:
यह पारदर्शिता का उल्लंघन है। यात्रियों को हर शुल्क के बारे में स्पष्ट जानकारी मिलनी चाहिए
डेटा से खुलासा — लाखों टिकटों में वसूला जा रहा है अतिरिक्त पैसा
सूत्रों के अनुसार, हर दिन लगभग 10 लाख से अधिक टिकटें IRCTC पोर्टल पर बुक होती हैं, जिनमें करीब 30–35% टिकटें प्रीमियम ट्रेनों (शताब्दी, तेजस, राजधानी) की होती हैं।
अगर हर टिकट पर औसतन ₹200 का फूड चार्ज जुड़ रहा है, तो अनुमान है कि IRCTC प्रतिदिन ₹6–7 करोड़ रुपये तक अतिरिक्त कमा सकता है।
यह आँकड़ा यात्रियों के गुस्से को और भड़काता है, क्योंकि उन्हें यह पता भी नहीं होता कि वे भोजन चार्ज का भुगतान कर रहे हैं या नहीं।
यात्रियों पर असर — पारदर्शिता और भरोसे पर चोट
यह विवाद IRCTC की विश्वसनीयता पर प्रश्न उठाता है।
कई यात्रियों ने शिकायत की है कि वे शाकाहारी या जैन भोजन नहीं चाहते थे, फिर भी उन्हें मील चार्ज देना पड़ा।
कई बार यात्रा के दौरान भोजन उपलब्ध भी नहीं होता, जिससे पैसे और सेवा दोनों का नुकसान होता है।
मील नहीं मिला, लेकिन टिकट पर चार्ज था। शिकायत करने पर कहा गया — ‘आपने मील चुना था’। मैंने तो कोई ऑप्शन देखा ही नहीं
एक यात्री ने Reddit पर लिखा
सरकार और रेलवे बोर्ड की प्रतिक्रिया
रेलवे मंत्रालय ने इस मुद्दे पर जांच के आदेश जारी किए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि IRCTC को यात्रियों को स्पष्ट विकल्प दिखाने का निर्देश दिया गया है और यदि कोई तकनीकी गड़बड़ी है, तो उसे जल्द सुधारा जाएगा।
उधर, सोशल मीडिया पर यात्रियों ने #IRCTCFoodScam और #NoMealOption जैसे हैशटैग ट्रेंड कराए हैं।
कैसे बचें इस ‘फूड गेम’ से — यात्री क्या करें
- टिकट बुकिंग के दौरान ध्यान से भोजन विकल्प चुनें।
- Preview Ticket’ पेज पर जाकर कुल राशि की जांच करें।
- यदि अनचाहे चार्ज लगे हों, तो IRCTC हेल्पलाइन या Twitter/X के माध्यम से शिकायत दर्ज करें।
- यात्रा के बाद बिल की कॉपी रखें ताकि विवाद होने पर प्रमाण मिले।
IRCTC का यह कथित ‘फूड गेम’ यात्रियों के भरोसे को कमजोर कर रहा है।
टिकट बुकिंग जैसी बुनियादी प्रक्रिया में पारदर्शिता न होने से न केवल यात्रियों का आर्थिक नुकसान होता है, बल्कि यह सरकारी डिजिटल सिस्टम की विश्वसनीयता पर भी प्रश्नचिह्न लगाता है।
यात्रियों को जागरूक रहना होगा — क्योंकि अब टिकट बुकिंग के साथ ही ‘फूड गेम’ भी खेला जा रहा है।
